Ban on construction work in cemetery, High Court took cognizance of encroachment in heritage area Kanlog cemetery

कब्रिस्तान में निर्माण कार्य पर रोक, हाई कोर्ट ने हेरिटेज क्षेत्र कनलोग कब्रिस्तान में अतिक्रमण पर लिया संज्ञान

Ban on construction work in cemetery, High Court took cognizance of encroachment in heritage area Kanlog cemetery

Ban on construction work in cemetery, High Court took cognizance of encroachment in heritage area Ka

शिमला:प्रदेश हाई कोर्ट ने हेरिटेज क्षेत्र कनलोग कब्रिस्तान में अतिक्रमण किए जाने पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कब्रिस्तान में किसी भी निर्माण कार्य कर रोक लगा दी है। राज्य सरकार को आदेश दिए है कि वह इस स्थल का संयुक्त निरीक्षण करें और उल्लंघन के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। इसके अलावा कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हेरिटेज क्षेत्र पर कार पार्किंग और निजी एवं धार्मिक कार्यक्रम भी नहीं हो सकेंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 31 मई को निर्धारित की है। हाईकोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला को आदेश दिए कि वह अदालत के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करें और मौके की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करें। स्थानीय निवासी शिवेंद्र सिंह व अन्य ने याचिका के माध्यम से अदालत को बताया कि कनलोग कब्रिस्तान शिमला के दक्षिण.पूर्व की ओर स्थित है। यह देश के सबसे पुराने कब्रिस्तानों में से एक है, जिसकी सबसे पुरानी कब्र 1850 की है।

ईसाइयों और पारसियों के अंतिम विश्राम स्थलों का आवास यह स्थल अत्यधिक राष्ट्रीय महत्त्व रखता है। आरोप लगाया गया है कि पादरी महेंद्र सिंह और उनके ट्रस्ट ने कब्रिस्तान के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाली है, लेकिन कब्रिस्तान के संरक्षण के प्रयासों के बजाय निजी हितों को प्राथमिकता दी गई है। बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण ने कब्रिस्तान की मूल अखंडता को खराब कर दिया गया है। इसमें भद्दे शेड का निर्माणए 50 से अधिक लोगों के लिए कई निजी आवास, पानी की टंकियां और यहां तक कि खुले हरित क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाली पार्किंग भी शामिल है। रात के समय भारी मशीनरी का उपयोग करके कब्र के ऊपर एक सडक़ बनाई जा रही है। दो शताब्दियों से अधिक पुरानी कई कब्रें पहले ही उखाड़ दी गई हैं या मिट्टी से ढकी हुई हैं। इसके अतिरिक्तए कब्रिस्तान के हरे भरे स्थान के भीतर पादरी के निजी वाहन के लिए पार्किंग की सुविधा स्थापित की गई है।